धारावी में मिट रहा कोरोना, यहां ऐसे मिली जीत
बृजेश त्रिपाठी, मुंबई एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी (Covid 19 in Dharavi) को लगभग कोरोना मुक्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले जी-नॉर्थ वॉर्ड के असिस्टेंट कमिश्नर किरण दिघावकर (Kiran Dighavkar) ने कहा कि हमारा एकमात्र टारगेट चेस द वायरस था। क्योंकि यहां की भौगोलिक स्थिति और लोगों की जीवनशैली ऐसी है कि हम उनके सामने आने का इंतजार नहीं कर सकते थे। इसलिए हमने स्क्रीनिंग, फीवर क्लिनिक, सर्वे और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया। उसका नतीजा आज सामने है। कभी धारावी में 100 से अधिक केस एक दिन में सामने आते थे, जो अब 2 केस तक आ गए हैं। कोरोना को रोकने का धारावी मॉडल क्या है? इसी मुद्दे पर किरण दिघावकर से बातचीत के प्रमुख अंशः धारावी मॉडल क्या है, जिसके जरिए कोरोना पर काफी हद तक काबू पाया गया? 1 अप्रैल को धारावी में कोरोना का पहला केस सामने आने के पहले ही हमें आशंका थी कि यहां स्थिति बिगड़ सकती है। क्योंकि 80 प्रतिशत लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। 8 से 10 लाख आबादी वाले उस इलाके में एक छोटे से घर में 10 से 15 लोग रहते हैं। इसलिए सबको न तो होम आइसोलेशन किया जा सकता है और न ही लो