मूसा के बदले की थी तैयारी, साजिश यूं हुई फेल
बताया जा रहा है कि इस कार की मूवमेंट के बारे में सुरक्षाबलों को खुफिया इनपुट्स के जरिए जानकारी मिली थी। कार की घेराबंदी किए जाने के बाद इसमें सवार लोग अंधेरे का लाभ लेकर भागने में कामयाब हुए हैं, जिनकी तलाश के लिए घाटी में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, खुफिया इनपुट्स के जरिए पुलिस को इस बात की जानकारी मिली थी कि विस्फोटकों से लदी एक कार को लेकर कुछ आतंकी पुलवामा के राजपोरा इलाके की ओर जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर तत्काल सीआरपीएफ, सेना और पुलिस की टीमों को सतर्क करते हुए सभी रूट्स पर बड़े पैमाने पर नाकेबंदी की गई। इसके अलावा वाहनों की तलाशी का अभियान भी शुरू किया गया।
रात 11-12 बजे के बीच राजपोरा के आइनगुंड के पास एक संदिग्ध वाहन के नाके की तरफ आने पर पुलिस ने उसके चालकों को रुकने का इशारा किया। इस दौरान जब गाड़ी नहीं रुकी तो जवानों ने उसकी तरफ फायरिंग की। इस बीच तेज गति से जंगली इलाके में वाहन ले जाकर वाहन चालक ने उसे वहीं छोड़ दिया और फिर मौके से फरार हो गया। जानकारी के बाद मौके पर पहुंचे जवानों ने गाड़ी की तलाशी ली, जिसके बाद सैंट्रो कार की रेयर सीट पर एक नीले रंग के ड्रम में करीब 50 किलो आईईडी बरामद की गई। बम डिस्पोजल स्क्वॉड की मदद से गुरुवार सुबह कंट्रोल्ड एक्सप्लोजन के जरिए इस कार को उड़ा दिया। वहीं दूसरी ओर कार सवार आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किए गए।
माना जा रहा है कि इस वाहन में लाए गए विस्फोटक को कश्मीर घाटी में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की मदद से एक्सपोर्ट किया गया था। जिस वाहन में यह विस्फोटक मिले हैं, वह कठुआ के किसी वाहन के नंबर प्लेट के साथ मिली है। एजेंसियों ने इस घटना के पीछे जैश या लश्कर के किसी टेरर मॉड्यूल के शामिल होने का शक जताया है। पुलवामा में 2019 में हुआ हमला भी जैश के ही दहशतगर्दों ने अंजाम दिया था और उसकी भी साजिश कार में विस्फोटक लादकर रची गई थी। कश्मीर घाटीका पुलवामा जिला सुरक्षाबलों की मूवमेंट के लिहाज से काफी संवेदनशील माना जाता रहा है। पूर्व में कई बार यहां पर जवानों के काफिले पर हमले होते रहे हैं। साल 2019 के हमले के अलावा भी यहां पर सीआरपीएफ की रोड ओपनिंग पार्टी और आर्मी की पट्रोलिंग टीमों पर कई बार हमले किए जा चुके हैं।
पुलवामा श्रीनगर शहर से करीब 46 किलोमीटर दूर है। इस इलाके को हिज्बुल के आतंकियों से सबसे संवेदनशील हिस्सों में से एक माना जाता रहा है। हाल ही में सेना ने जिन टॉप आतंकियों को मार गिराया है, उनमें से कई का अंत पुलवामा के ही अलग-अलग हिस्सों में हुआ है। ऐसे में इस बात का भी शक है कि रियाज नाइकू और जाकिर मूसा जैसे आतंकियों के मारे जाने का बदला लेने के लिए आतंकी संगठनों ने इस साजिश को अंजाम दिया है। फिलहाल आईईडी की बरामदगी के बाद एनआईए को इसकी जांच सौप दी गई है।
#WATCH J&K: In-situ explosion of the vehicle, which was carrying IED, by Police in Pulwama. Major incident of veh… https://t.co/Hqsl8J5yU6
— ANI (@ANI) 1590641865000
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